1.बुद्धिमान वही है जो अपनी कमियों को किसी के सामने उजागर न करे, घर की गुपत बातें , धन का विनाश ,दुष्टो द्रारा धोखा ,अपमान, मन की चिंता इन बातो को अपने तक ही सीमित रखना चाहिए|
2.मनुष्य अकेला ही जनम लेता है अकेला ही दुःख भोगता है अकेला ही मोक्ष का अधिकारी होता है , अकेला ही दुःख भोगता है , अकेला ही मोक्ष का अधिकारी होता है और अकेला ही नरक जाता है अंत: रिश्ते -नाते तो क्षण भगुर है , हमें अकेले ही दुनिया के मंच पर अभिनय करना पड़ता है |
3 विद्धान सब जगह सम्माननीय होता है, अपने उच्च गुणों के कारण देश विदेश सभी जगह वह पूजनीय होता है |
4.विद्दा ही सर्वोच्च धन है, विद्दा के कारण ही खाली हाथ होने पर भी विदेश में भी धन कमाया जा सकता है तथा मान सम्मान बढ़ाया जा सकता है ,विद्दा के अभाव में उच्च कुल में जन्मा वयक्ति भी सम्मान नहीं पाता है |
5 सुपात्र को दिए गए धन का फल अनन्त काल तक मिलता रहता है , भूखे को दिए गए भोजन का यश कभी ख़त्म नहीं होता है, दान देना सबसे महान काम है |